
भोपाल में राहुल गांधी का “नरेंदर सरेंडर” वाला बयान अब बूमरैंग की तरह वापस आ गया है। कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री मोदी पर अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के सामने झुकने का आरोप लगाया था। जवाब में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक के बाद एक पोस्ट कर राहुल गांधी की ‘इतिहासिक भूलों’ की लिस्ट खोल दी।
संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से- जमकर होगी सरकार पर सवालों की बारिश
“सरेंडर आपके डीएनए में है” – नड्डा का आरोप
नड्डा ने तंज कसते हुए लिखा:
“राहुल गांधी आत्मसमर्पण आप करते होंगे, आपकी पार्टी ने किया होगा, आपके नेताओं ने आत्मसमर्पण किया होगा क्योंकि आपका इतिहास ही ऐसा रहा है।”
उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाए कि:
-
1948 में कश्मीर मुद्दे पर,
-
1962 की चीन युद्ध में,
-
1971 की जीत के बाद शिमला समझौते में,
-
सिंधु जल समझौते में,
-
हाजी पीर दर्रा और छम्ब सेक्टर जैसे इलाकों को छोड़ने में…
हर बार कांग्रेस ने ‘सरेंडर पॉलिसी’ को अपनाया।
ऑपरेशन सिंदूर और राहुल का बयान
नड्डा ने कहा कि राहुल गांधी अगर पाकिस्तान से ज़्यादा भारत की सेना को ‘सरेंडर’ बता रहे हैं तो ये 140 करोड़ भारतवासियों का अपमान है। उन्होंने कहा कि:
“ऑपरेशन सिंदूर की घोषणा न सरकार ने की, न बीजेपी प्रवक्ता ने। ये सेना का पराक्रम है, जिसे आप ‘सरेंडर’ कह रहे हैं, वो देशद्रोह से कम नहीं।”
राहुल का असली बयान क्या था?
भोपाल में राहुल गांधी ने कहा था कि ट्रंप के एक इशारे पर मोदी झुक गए।
“थोड़ा दबाव डालो, बीजेपी और RSS डर कर भाग जाते हैं। ट्रंप ने इशारा किया और मोदी जी झुक गए।”
उनके इसी बयान पर बीजेपी ने आक्रामक रुख अपनाया है और ‘नरेंदर सरेंडर’ की जगह अब कांग्रेस को ‘सरेंडर पार्टी’ बताया जा रहा है।
सियासी दंगल में अब शब्दों की तलवारें चल रही हैं — राहुल का बयान आग था, नड्डा का जवाब चिंगारी। सेना को राजनीति में घसीटना पहले भी गलत था, आज भी है। मगर इस चुनावी गर्मी में, लगता है “सरेंडर” भी एक नया चुनावी मुद्दा बन गया है!
कहीं ऐसा तो नहीं भैया जी -शुभांशु को रोक लिया एलन मस्क के सेटेलाइटों ने